स्पीक एशिया के बिजनेश माॅड्यूल को अधिकारी भी मीडिया की नजर से देख रहे हैं। उन्हें भी इस दाल में मीडिया की भांति काला नजर आ रहा है। दस जुलाई को आरओसी द्वारा पेश की जानी वाली रिपोर्ट में स्पीक एशिया को भरोसे के लायक कंपनी मानने से आरओसी ने इंकार कर दिया है। हालांकि स्पीक एशिया से आज दिनांक तक न तो सरकारी अधिकारियों द्वारा कोई पूछताछ की गई है और न अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है किंतु अधिकारी अपने ही दिमाग से उल्टी सीधी रिपोर्ट पेश करने पर आमादा हैं। सरकार के सौतेले व्यवहार से कंपनी को आने वाले दिनों में और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है , किंतु स्पीक एशिया प्रंबंधन ऐसा कदापि स्वीकार नहीं करता। प्रबंधन ने फिर दोहराया है िक वह कोई भी ऐसा कार्य नहीं कर रहे हैं जो नियमों के खिलाफ हो इसी लिए वे अपनी योजनाओं पर काम जारी रखेंगे।
News on 9th July '11 :
स्पीक एशिया का सफर जितना सुहावना है उतने ही इस रास्ते में रूकावटें व बाधाएं भी स्वाभाविक हैं। अब नई समस्या है पुराने आरपी को जल्द से जल्द खत्म करने की। रजिस्टरार आॅफ कंपनीज ने स्पीक एशिया के भारत में पंजीकरण के लिए यह शर्त रखी है कि पहले वह अपने पैनलिस्टों की पुरानी देनदारियां पूरी तरह चुकता करे या फिर उस पर बची देनदारियों को सरकारी खाते में जमा करे तभी उसकी नई कंपनी का पंजीकरण भारत में हो सकेगा। जानकारेंा के मुताबिक पैनलिस्टों का पैसा सरकारी खजाने में जमा करवाना पैनलिस्टों के साथ बड़ा धोखा होगा क्योंकि तब पैनलिस्टों वह पैसा लंम्बी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही मिल पाएगा जिसमें सालों का समय लग सकता है। दूसरा जब तक भारत में कंपनी का पंजीकरण नहीं हो जाता तब तक वह कोई वैध खाता यहां नहीं खोल सकती जिससे पैनलिस्टों को सीधा भुगतान करना संभव नहीं। यह सरकारी पेंच कंपनी के द्वारा पंजीकरण की दिशा में की जा रही तमाम जद्दोजहद पर पानी फेर सकता है। इन आरपी को समाप्त कर कंपनी की शून्य देनदारी साबित करना कंपनी के सामने बड़ी चुनौती है। कंपनी ने इस देनदारी को समाप्त करने के अनेक संभव विकल्पों को खोल दिया है। जैसे आप कंपनी के द्वारा लांच किए गए कोई भी प्राॅडक्ट खरीद कर अपने पुरानी साईट के आरपी बर्न कर सकते हैं। आप अपने या किसी अन्य के लिए हवाई जाहज की टिकट, रेल टिकट या फिर होटल बुकिंग की आॅप्शन लेकर अपने प्वाइंट बर्न कर सकते हैं जिससे कंपनी पर देनदारी कम हो या फिर इंश्योरेंस पालिसी लेकर भी प्वांइट बर्न कर सकते हैं। कंपनी के अधिकारिक बयानों के मुताबिक कंपनी की नई साईट में दो ओल्ड और न्यू मनी वाॅयलेट होंगे आपको ओल्ड मनी ई वायलेट के आरपी उक्त तरीके से बर्न करने होंगे जबकि न्यू साईट के आरपी की आप खाता खुलने के उपरांत कैश रिक्वैसट डाल पाएंेगे। आप पूर्व की भांति पिन जैनरेट कर या फिर कंपनी की साईट के लिए विज्ञापन बुंिकंग कर भी अपना बकाया पैसा कंपनी से वसूल सकते हैं। कुल मिला कर कंपनी को इस मुश्किल घड़ी में संकट से उबारने का सारा दारोमदार फिर कंपनी के 20 लाख पैनलिस्टों के हाथ में आ गया है । अब जितनी जल्दी वे अपने आरपी बर्न करेंगे उतनी ही जल्दी कंपनी व्यवस्थित हो सकेगी।
Regards,
P P Saha
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