Wednesday 27 July 2011

The Bhaskar on 26/07/11

Tuesday, July 26, 2011

स्पीक एशिया के सीईओ ने कहा: पैनलिस्टों के हित सार्वोपरि, कभी समझौत नहीं करेंगे

संजय चौरसिया
कुछ समाचार पत्र व मीडिया समूह मौके का फायदा उठातेहुए स्पीक एशिया को बदनाम करनेका षड़यंत्र कर रहे हैं वे हमारे नवीनत बिजनेश माडल को एम एल एम व पिरामिड स्कीम बताकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि हमारे पैनलिस्ट पूरी तरह ऐसे तथाकथित मीडिया समूहों की ब्लैक मेलिंग को भांपते हुए इन तमाम झूठी अफवाहों से पार पा चुके हैं किंतु स्पीक एशिया का उदाहरण देश के राजनैतिज्ञों, कार्पोरेट घरानोंव समाज के प्रतिष्ठित वर्ग व चिंतकों के लिए चिंतन का विषय होना चाहिए कि कैसे मीडिया किसी साफ सुथरे ईमानदार कारोबार को भी अपने कुत्सित इरादों से बर्वाद करने का षड़यंत्र रचता है। 

मनोज कुमार ने कोर कमेटी के कुछ अधिकारियों से अधिकारियों व प्रतिद्वंदियों की प्रताड़ना के बावजूद हौंसला बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुसीबत की इस घड़ी में हम यदि बुलंद हौंसलोंकेसाथ डटे रहे तो निश्चित तौर पर जीत हमारी होगी। उन्होंने कहा कि मीडिया में हमारे बारे प्रकाशित व प्रसारित की जा रही अधिकांश खबरें पूर्वग्रह से प्रेरित हैं इसीलिए इनसे विचलित होने की कोई आवश्यकता नहीं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि मिनिस्ट्री आफ कंपनी अफेयरस् की ओर से उन्हें जांच संबधी कोई नोटिस नहीं मिला है, किंतु यदि ऐसा होता भी है तो कंपनी का दामन पाक साफ है हम उसे तमाम एजेंसियों की जांच प्रक्रिया के दौरान साबित करेंगे।

मनोज कुमार ने मीडिया से आग्रह किया कि वह भ्रमक प्रचार न कर मार्यादित आचरण करे क्योंकि हमें बदनाम करने के चक्कर में वह वास्तव में अपने ही विश्वसनीयता के साथ खिलवाड़ कर रहा है। मनोज कुमार ने कहा कि स्पीक एशिया तमाम पैनलिस्टों का बकाया भुगतान करने के लिए पूरी तरह तैयार है तथा ईमानदारी से अपना कार्यसंचालन करना चाहती है। कंपनी को अभी अपने अचीवरस् को पुरस्कार भी वितरित करने हैं। कंपनी ने अपनी स्पष्ट नीति का ऐलान करते हुए एकाउंट बंद होने की सूरत में भी प्राडक्ट के माध्यम से अपने पैसे विड्राल करने का विकल्प पैनलिस्टों को उपलब्ध करवाया है ताकि कंपनी के प्रति लोगों का भरोसा पूर्ववत रहे। 

उन्होंने कहा कि सर्वे की रकम से पिन बनाने की आप्शन जो कुछ समय के लिए बंद कर दी गई थी फिर से खोल दी गई है। अब पैनलिस्ट पिन बना कर अपनी एंट्री डाल सकते हैं। मनोज कुमार ने कहा कि उनके लिए पैनलिस्टों के हित सार्वोपरि हैं जिसके साथ वे कभी समझौत नहीं करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही स्पीक एशिया की साईट पर एग्जिट आप्शन खुलने वाली है। जो भी व्यक्ति कंपनी से अपनी राशि निकलवाना चाहे वह इस आप्शन का प्रयोग कर अपनी धनराशि वापस ले सकता है। 

उधर कंपनी के उच्च अधिकारी 3 अगस्त से पे आउट्स शुरू होने की बात कर रहे हैं। सर्व प्रथम कंपनी उन लोगों के पे आउट्स क्लीयर करना चाहती है जिन्होंने 27 मई के बाद उस दौर में कंपनी को ज्वाईन किया जब कंपनी के खिलाफ मीडिया में धुआंधार नाकारात्मक समाचार प्रसारित हो रहे थे। कंपनी सूत्रों के मुताबिक उस दौर में कंपनी पर लगभग 4 लाख पैनलिस्टों ने भरोसा जताया जिसके धन्यवाद के तौर पर कंपनी सबसे पहले उन्हीं लोगों के पेआउट्स जारी करने जा रही है। मनोज कुमार ने मुसीबत की इस घड़ी में पैनलिस्टों के धैर्य की सराहना करते हुए कहा कि पैनलिस्टों का सहयोग व हौंसला ही हमारी वास्तविक ताकत है तथा इसी के बूते हम चारों ओर से घिरे होने के बावजूद अपनी हर लड़ाई पूरी हिम्मत से लड़ रहे हैं। और हमें पूरा यकीन है कि अंततयः विजय श्री स्पीक एशियन का वरण करेगी।

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